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मैं परेशान क्यों हूं, ( Me pareshan kyo hu )

 


परेशानियों से भागना आसान होता है हर मुश्किल जिंदगी में एक इम्तिहान होता है हिम्मत हारने वाले को कुछ नहीं मिलता जिंदगी में और मुश्किलों से लड़ने वाले के कदमों में ही तो सारा जहां होता है


 

मैं परेशान क्यों हूं,

मैं परेशान क्यों हूं

मैं परेशान क्यों हो यह बहुत ही जटिल और बहुत ही मुश्किल सवाल है। इंसान बहुत सारे तरीके से परेशान हो सकता है। यदि कोई युवा है तो अपने कैरियर को लेकर परेशान हो सकता है, यदि कोई विद्यार्थी है तो वह अपनी पढ़ाई को लेकर अपनी परीक्षाओं को लेकर परेशान हो सकता है, 


यदि कोई युवक है तो वह अपने बच्चों और  परिवार को लेकर परेशान हो सकता है यदि कोई बुजुर्ग है तो वह अपने बच्चों के भविष्य को लेकर परेशान हो सकता है, सवाल बहुत सारे हैं परंतु  शायद बहुत सारे इंसानों के पास इसका जवाब नहीं है।


बहुत से लोग खुद की ताकत से अनजान होते हैं इसलिए जिंदगी की समस्याओं से परेशान होते हैं


मैं बहुत परेशान हूं क्या करूं

परंतु सबसे मजे की बात यह है कि इस सवाल का जवाब इंसान दूसरों से पूछता है। और अपनी परेशानी के लिए भी दूसरे को ही जिम्मेदार ठहराता है। कभी अपने मां-बाप को जिम्मेदार ठहराता है, कभी अपने दोस्तों को जिम्मेदार ठहराता हैं, कभी अपने परिवार को जिम्मेदार ठहराता हैं।


वह हमेशा किसी ना किसी के ऊपर दोष लगाता रहता है। परंतु कभी भी यह सोचने की कोशिश नहीं करता, यह कभी भी वह जानने की कोशिश नहीं करता कि वह आखिर परेशान क्यों है।


वह हमेशा दूसरों से ही इस सवाल का जवाब पूछता रहता है। दूसरों के सामने ही अपनी परेशानी बता बता कर उनसे इसका हल पूछता रहता है। वह कभी भी इसका जवाब अपने अंदर ढूंढने की कोशिश नहीं करता, कभी भी खुद से जानने की कोशिश ही नहीं करता। 


दूसरे आपको जो भी जवाब देंगे। वह आपके सवाल के जवाब खुद के अनुभव के आधार पर  देंगे। वो  जवाब आपके लिए किसी काम का नहीं होगा।


क्योंकि उनकी और आपकी उपस्थितियो में बहुत अंतर हो सकता है। वह जिस चीज से परेशान हो सकते हैं। वह परेशानी आपके पास नहीं होगी। तो फिर आप दूसरों के जवाब से अपने आप को संतुष्ट नहीं कर पाएंगे। 


यदि आपको अपनी परेशानी का हल ढूंढना है। यदि आपको खुद को संतुष्ट करना है। अपने आपको सही उत्तर देना है। तो आपको यह जवाब खुद अपने अदंर ढूंढना पड़ेगा। और जिस दिन आपने जवाब अपने अंदर ढूंढना शुरू किया। उस दिन आपको आपकी परेशानी का बेहतरीन जवाब भी मिलेगा हल भी मिलेगा। उस समस्या उस परेशानी से बहुत जल्दी निकल जाएंगे।


अपने हौसले को यह मत बताओ कि तुम्हारी परेशानी कितनी बड़ी है बल्कि अपनी परेशानी को यह बताओ कि तुम्हारा हौसला कितना बड़ा है

 

आज हम सभी परेशान क्यों हैं

समस्या चाहे कितनी बड़ी हो,  समस्या चाहे कितनी छोटी हो, हमेशा सबसे बेहतरीन हल, सबसे बेहतर रास्ता, आप और  सिर्फ आप ही निकाल सकते हैं। उन परिस्थितियों से लड़कर आप बाहर निकल सकते है। 


तो यह तय आपको करना है। कि आपको उन समस्याओं से लड़कर बाहर निकलना है। या अपनी समस्या दूसरों को सुना-सुना कर खुद परेशान होना है। और  हमेशा परेशान रहना है। और दूसरों से उम्मीद करना है।दूसरे आपकी समस्या का हल करके दे। वह आपको मुसीबतों से निकाले।यह आपको तय करना है।


जिस व्यक्ति के हौसले बुलंद हो उसकी हिम्मत को कोई भी नहीं तोड़ सकता है


इंसान परेशान क्यों होता है

एक बात आप ध्यान रखिए जिंदगी में जब तक आप खुद की मदद नहीं करेंगे। तब तक दूसरा कोई भी आपकी मदद नहीं कर पाएगा। दूसरा कोई भी आपको समस्या से निकाल  नहीं पाएगा। आपको खुद की मदद करने में खुद को समस्या से परेशानी से निकालने के बारे में सोचना है। खुद ही लड़कर अपनी  परेशानी समस्या से बाहर निकलना होगा।


अगर आपकी हिम्मत आपकी परेशानियों से ज्यादा है तो फिर आपको जीतने से कोई नहीं रोक सकता


मैं परेशान क्यों हूं।  इस बात को छोड़कर इस परेशानी का रास्ता क्या है। इन सब बातों को सोचना होगा। जिस दिन आप इन सब बातों को सोचना शुरु कर देंगे। उस दिन आपकी परेशानी आपकी समस्या आपके लिए बहुत छोटी हो जाएगी।


क्योंकि समस्या को यदि आप मुसीबत समझेंगे तो आपके लिए परेशानी बनेगी। और यदि समस्या को चुनौती समझेंगे तो बाहर निकलने का रास्ता ढूंढगे।


अब यह आपको तय करना है। कि आपको समस्या को परेशानी बनाना है उससे बाहर निकलने का रास्ता ढूंढना है। 


एक बात याद रखिए दुनिया में ऐसा कोई इंसान नहीं है। जो परेशान नही है। इस दुनिया में बहुत सारे लोग हैं जो परेशान है लेकिन फिर भी वह आगे बढ़ रहे हैं।


परेशानियों की चिंता मत कीजिए क्योंकि आप इससे बचकर निकलने वाले नहीं हैं बल्कि इस से लड़कर निकलने वाले हैं

 

मैं परेशान हो रहा हूं

 एक बार बहुत सारे लोग अपनी समस्याओं का समाधान पाने लिए भगवान के पास जा कर रोने लगे, चिल्लाने लगे, कि भगवान हम कितने परेशान है।


तब भगवान ने कहा चलो ठीक है तुम सब अपनी समस्या से परेशान हो, तो सब अपने आपस  अपनी समस्याएं को बदल लो। तब सब  लोग एक दूसरे को अपनी समस्या बताने लगे। आखिर में यही हल निकला कि  लोग अपनी समस्या और परेशानी को बदल नहीं पाए बल्कि अपनी परेशानी अपने समस्या को लेकर चले गए। और कहने लगा कि हमारी समस्याएं तो सबसे कम है।


तो याद रखिए दुनिया में बहुत सारे लोग हैं। जो परेशान है, दुनिया में बहुत सारी तकलीफ है, अकेले आप ही परेशान नहीं है।


एक बार आप उम्मीद का चुनाव कर ले फिर कुछ भी संभव है। 


इतना परेशान क्यों हूं मैं

 तो यह कहना और यह सोचना बंद कर दीजिए कि इतना परेशान क्यों हूं मैं, इन सब बातों को छोड़कर इस परेशानी से निकलने का रास्ता ढूंढिए।  और अपने अपने परिवार और दोस्तों को दोष देना छोड़ कर उनके साथ सही व्यवहार करे और  सही तरीके से उनके जीवन में हमेशा बढ़िए।

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