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इंसान को जीवन के फैसले जोश और गुस्से मे क्यों नहीं करने चाहिए (Why one should not make life decisions with enthusiasm )

इस आर्टिकल में हमने जीवन में समझदारी क्यों जरूरी है, क्यों हर फैसला लेने से पहले कई बार सोचना चाहिए, क्यों हमेशा सोचने के बाद फैसला करना चाहिए, और जोश और जज्बात में लिए गए फैसलों का परिणाम क्या निकलता है, क्यों इंसान का फैसला उसे सफलता की तरफ नहीं लेकर जाता, इन सब बातों के बारे में बताया गया है


इंसान को जीवन के फैसले जोश और गुस्से में क्यों नहीं करने चाहिए


इंसान को जीवन के फैसले जोश मे क्यों नहीं करना चाहिए

आज इस इंसान को जीवन के फैसले भागदौड़ के दौर में इंसान की सहनशक्ति खत्म हो चुकी है। इंसान का धैर्य खत्म हो गया है। उसे छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो जाता है। और छोटी-छोटी बातों पर आक्रामक हो जाता है। 


छोटी-छोटी बातों को अपना मान सम्मान का विषय बना कर अपने आपको भी तकलीफ देता है। और दूसरों को भी तकलीफ देने लगता है। वह छोटी या बड़ी किसी भी बात पर जोश में आकर तुरंत फैसला लेने लगता है।


जिसका उसे कई बार बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। और कई बार उसके इन फैसले से उसे बहुत तकलीफ भी होती है।


तो आज हम बात करेंगे कि इंसान को जोश में फैसले लेने से क्या क्या तकलीफ होती है, और उसे जोश में फैसला क्यों नहीं लेना चाहिए, और उस गुस्से के समय को  कैसे टाला जाए ताकि हम एक बड़ा और खराब फैसला में से बच जाएं इससे हमें बात में कोई परेशानी ना हो।


क्यों हमें जोश पर जज्बात मैं आकर फैसले नहीं लेनी चाहिए


हमेशा अपना ही नुकसान करना

 जब आप जीवन जोश में आकर और जज्बात में आकर कोई भी बड़ा फैसला ले लेते हैं। तो यह हमेशा होता है कि उस फैसले के सही होने के मौके सिर्फ 5% ही होते हैं। 95% मामलों में यह फैसला बिल्कुल गलत होता है।

 जिसकी वजह से आपको ही हमेशा नुकसान उठाना पड़ता है। और जिससे हमें बाद में बहुत तकलीफ होती है। इसलिए जोश में फैसला लेने से बचें।

कभी भी फैसला सही ना होना

जोश में लिया हुआ फैसला कभी भी सही नहीं होता। उस समय बीत जाने के बाद वह फैसला आपको बहुत तकलीफ देता है। 


कई बार तो ऐसा होता है। कि उस फैसले से आपकी पूरी जिंदगी तबाह हो जाती है। और बाद में सिर्फ जीवन में पछताना ही पड़ता है। कई बार तो ऐसा पछतावा होता है कि इंसान की जिंदगी भी उस फैसले को सही करते करते कम पड़ जाती है वह पूरी जिंदगी में उस फैसले को सही नहीं हो पाता। 


इसलिए कभी भी जोश और जज्बात में फैसला ना करें। चाहे वह आपकी जिंदगी का हो चाहे, आपके परिवार के लिए, चाहे आपके बच्चों के लिए, चाहे आपके दोस्तों के लिए, चाहे आपके बिजनेस में हो कभी भी जोश में आकर फैसला ना करें। ऐसा फैसला कभी भी सही नहीं होता। 


मैं आपको एक बेहतरीन उदाहरण देता हूं आजकल बहुत सारी लव मैरिज शादियों का चलन है। लड़के लड़कियां जोश में आकर शादी कर लेते और साथ में रहने का फैसला लेते हैं। और अपने परिवार के खिलाफ जाकर अपना जीवन शुरू करते हैं। 


 परंतु उस समय बीतने के बाद जैसे-जैसे जरूरतें बड़ने लगती हैं। उनके जीवन से प्यार खत्म होने लगता है।


 उनको मां,बाप, भाई बहन, किसी का भी सपोर्ट नहीं मिलता और तब उनकी शादी टूटने के कगार पर आ जाती है। आज बहुत सारी love marriage  सफल नहीं होती और 2 से 5 साल में ही शादी टूट जाती है। और उन्होंने रास्ते अलग हो जाते हैं।

मां-बाप द्वारा की गई शादियां अरेंज मैरिज (arrange marriage)  सफल होने का चांस बहुत ज्यादा होता है। क्योंकि इसमें परिवार भी जुड़ा होता है। इसलिए लड़का लड़की दोनों समझौता करके चलते हैं।


 लेकिन जोश में और जज्बात में की हुई उनकी शादी उनकी लव मैरिज सफल नहीं हो पाती।


इसलिए कभी भी जोश में जज्बात में जीवन का फैसला ना लें। बहुत सोच समझकर जीवन के फैसले करें। ताकि बाद में आपको पूरा जीवन पछताना न पड़े तकलीफ ना उठानी पड़े।


जीवन की दौड़ में पीछे रहना

 जब कोई इंसान जोश में फैसला लेता है और जब उसका फैसला गलत हो जाता है। तो उसे बहुत तकलीफ होती है, और वह पूरी तरह टूट जाता है।

कई बार ऐसा होता है कि वह दोबरा उठकर लड़ने की कोशिश नहीं करता, वह जीवन से हार मान जाता है, इसे ही अपने जीवन की नियति मानकर रह जाता है। खुद भी परेशान होता है और अपने से जुड़े लोगों को भी परेशान करता है। और जीवन में कभी दोबारा लड़ने की कोशिश नहीं करता। और जीवन की दौड़ में पीछे रह जाता है।


जोश में फैसला लेने से बचने के लिए इंसान को जीवन में क्या करना चाहिए


गुस्से को काबू करना

जोश में फैसला लेने से बचने के लिए और इससे होने वाले नुकसान से बचने के लिए इंसान को अपने गुस्से को काबू में करना सीखना चाहिए। 


क्योंकि गुस्सा ही इंसान को तत्काल जीवन में फैसला लेने के लिए प्रेरित करता है। उस समय इंसान का ध्यान इस फैसले से होने वाले नुकसान और फायदे की तरफ नहीं जाता। इसलिए जब भी ऐसा कोई आपके जीवन मौका आए तोआप अपने गुस्से को शांत करने की कोशिश कीजिए। 


जब आपको बहुत ज्यादा गुस्सा आए और आपको जज्बाती फैसला लेने वाले हो। तो उस समय आप अपने परिवार के बारे में सोचे, आप जिससे सबसे ज्यादा प्यार करते हैं उसके चेहरे को याद करिए।

 

उसके बारे में सोचिए जो जीवन में आपको सबसे ज्यादा खुशी देता है। उसके बारे में सोचिए, धीरे-धीरे आपका गुस्सा कम हो जाएगा।


 उदाहरण के लिए यदि आप अपने बच्चों से ज्यादा प्यार करते हैं। तो जब कभी आपको बहुत ज्यादा या बहुत तेज गुस्सा आए तो अपने बच्चों की खुशियां उनके जीवन के बारे में सोचें।

 आपका गुस्सा शांत हो जाएगा और आप तब सही फैसला लेने की स्थिति में होंगे। तब आप एक सही और बेहतर फैसला अपने भी ले सकेंगे।

तो हमेशा अपने गुस्से पर कंट्रोल कीजिए। क्योंकि यही गुस्सा ही आपको बहुत बड़े नुकसान बहुत सारी तकलीफ हो की तरफ लेकर जा सकता है।


हमेशा खुश रहे छोटी-छोटी बातों से उत्तेजित ना हो

जोश में फैसला लेने से बचने के लिए आपको दूसरा काम रह करना है। कि आपको हमेशा खुश रहने की कोशिश करना है। और अपने आप को उत्तेजित नहीं करना है।

यदि आप अपना खुश रहने की कोशिश करेंगे। तो आपको किसी की बात बुरी तो लगेगी लेकिन आप उससे उसी समय तुरंत जवाब नहीं देंगे। बल्कि बाद में सोच समझकर उसकी बात का उत्तर देंगे। इससे आप होने वाले नुकसान से बच जाएंगे।

मैं तो उदाहरण देता हूं आप रोड पर गाड़ी चला रहे हैं। और कोई आपके बगल में से तेजी से गाड़ी निकाल कर ले जाता है। और आप गुस्से में उसके साथ रेस करने लग जाते हैं। और उसको पीछे छोड़ने की कोशिश में आप गलत ड्राइविंग करना शुरू कर देते हैं। गलत गाड़ी चलाना शुरु कर देते हैं।

 जिससे आप का एक्सीडेंट हो सकता है, आपको चोट लग सकती है, आपकी जान भी जा सकती है। इसलिए ऐसी परिस्थितियों में बचने के लिए आप हमेशा खुश रहें। अपने आप को तनावमुक्त रखें। कभी कोई अगर आपको चैलेंज देकर जाएगा तो उस समय आप तुरंत उस पर अपना उत्तर नहीं देंगे। और ठंडे दिमाग से सोचेंगे बहुत सही फैसला ले पाएंगे।


हमेशा अपने परिवार और उन्हें बच्चों को याद रखें

जब भी जीवन में आपके सामने ऐसा मौका है। कि आपको गुस्सा जोश में कोई फैसला लेने का मन करता है। 

तो उस समय आप अपने परिवार और अपने बच्चों के बारे में सोचिए। और यह सोचिए आप के इस फैसले से उनके जीवन पर क्या असर पड़ेगा।

 यदि उनके जीवन पर गलत असर पड़ता है। तो आप तुरंत उस फैसले को नहीं लेंगे। जिससे आप बड़ी मुसीबत बन जाएंगे।

 मैं आपको एक उदाहरण देता हूं आपका बच्चा किसी स्कूल में पढ़ता है। और आप स्कूल में जाकर कभी किसी बात पर आता किसी टीचर के साथ विवाद हो जाए। तो तुरंत उस स्कूल से अपने बच्चे को निकाल कर दूसरे स्कूल में डालने के बारे में सोचते हैं।

 कई बार आप ऐसा कर भी देते हैं। पर दूसरे स्कूल में डालने पर वहां पढ़ाई अच्छी नहीं होती। बच्चे को सही तरीके से शिक्षा नहीं मिल पाती। तो आपके उसे उस बच्चे को बहुत तकलीफ होती है। अपने परिवार को अपने बच्चों को याद रखें।

जो हमेशा जीवन में जज्बात में कभी भी ऐसा नहीं करना चाहिए। हमेशा सोच समझ कर फैसला करना चाहिए, हमेशा फैसला करने से पहले उसके सब पहलुओं पर गौर करना चाहिए,

 क्योंकि जज्बात में लिए फैसले हमेशा हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं। हमारी तरक्की में रुकावट डाल सकते हैं, हमारे परिवार को दुखी कर सकते हैं, इसलिए जीवन में कभी भी जोश और जज्बात में आकर फैसले ना करें।

हमेशा सोच समझकर समझदारी से फैसले करें। तभी आप जीवन में सफल हो पाएंगे। वरना आपको जीवन में सफलता नहीं मिलेगी, यही आपकी असफलता का कारण है, यही आप को सफल नहीं होने देगा, और यही आपको असफलता की तरफ लेकर जाएगा।

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