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क्या है असफलता। यह जीवन से कैसे दूर होगी (Kya hai Asafaltha. Yeh jeevan se kaise duur hogi)

(Kya hai  Asafaltha. Yeh jeevan se kaise duur hogi)
Kya hai asafalta



Kya hai  Asafaltha (क्या असफलता है) 

 What is Unsuccessful


नमस्कार दोस्तों जीवन आपका स्वागत है। आज हम बात करेंगे। एक जीवन के बहुत ही महत्वपूर्ण और कठिन विषय पर आज का शीर्षक है। क्या है असफलता और इससे जीवन से कैसे दूर करें। 

यह जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। लाखों करोड़ों लोगों के लिए सोचने का विषय है। लाखों लोग जीवन में सफल होना चाहते हैं। जीवन में तरक्की पाना चाहते हैं। जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं। परंतु फिर भी  वह जीवन में असफल क्यों हो रहे हैं। चलिए आज हम इसी तरह महत्वपूर्ण विषय पर बात करेंगे। 

असफलता कहीं और नहीं वह हमारे अंदर ही है। वह सिर्फ हमारे दिमाग में है। 

 आज हर आदमी अपनी असफलता के कारणों को बाहर ढूंढता है। वह अपने असफलता के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराया है। 

वह अपनी असफलता के लिए कभी परिस्थितियों को, कभी समाज को, कभी अपने व्यवसाय को, कभी अपने परिवार को जिम्मेदार ठहराता है। वह यह सोचता है। कि दूसरों की गलतियों से वह असफल हो गया। 

ऐसा नहीं है इंसान की सफलता और सफलता इंसान पर ही निर्भर करती है। यदि वह इंसान चाहे तो दुनिया में कोई उसे असफल नहीं कर सकता। वही इंसान चाहे तो दुनिया में कोई उसे सफल नहीं कर सकता। 

सफलता और असफलता दोनों दोनों  एक ही व्यक्ति जिम्मेदार है। वही व्यक्ति जो किसी कार्य करता है। और जब तक हम अपने सफलता के लिए दूसरों को दोष देते रहेंगे तब तक हम किसी भी कार्य में सफल नहीं होंगे। 

हमें असफलता के कारणों को दूसरों में नहीं ढूंढना है। हमें सफलता के कारणों को खुद के अंदर ढूंढना है। आज बहुत सारे उन  विषयो पर बात होगी कि असफलता के कौन कौन से कारण हैं। क्या हमारी सोच है। जिसे हम जिंदगी में असफल होते हैं। तरक्की नहीं कर पाते। और हार कर उस कार्य को छोड़ देते हैं। 

सोचने लगते हैं। यह कार्य कार्य मेरे बस का नहीं है। मैं तो इसे कर ही नहीं सकता। मैं इस कार्य में कभी सफल नहीं हो पाऊंगा। क्योंकि मेरे पास लोग अच्छे नहीं है। परिवार अच्छा नहीं है। मेरे पास काम को करने कोई सिस्टम नहीं है। आज हम यही सब कारणों पर बात करेंगे। 

क्या है असफलता (kya hai asafaltha)

Unsuccessful meaning


  असफलता से सफलता की कहानी (asfalta se safalta khe kahani) 

अपने आप को तरक्की की दौड़ से पीछे रखना यह यही असफलता। हम अपने आप को तरक्की की भाग दौड़ में तब पीछे रखते हैं। जब हम अपने कंफर्ट जोन में रहते हैं। अपना आराम छोड़ना नहीं चाहते। 

अपने शरीर और अपने दिमाग को तकलीफ देना नहीं चाहते। और अपने आपको हमेशा तरक्की के रास्ते में आने वाली कठिनाइयों से  खुद को हमेशा दूर रखते हैं। यह सफलता का एक बहुत बड़ा कारण है। 

 खुद को समय के साथ लेकर ना चलना यही है असफलता।   जब हम किसी काम की शुरुआत करते हैं। और काम को सही समय पर नहीं करते और समय के साथ नहीं चलते। उस काम के लिए कोई गोल सेट नहीं करते, कोई समय निर्धारित नहीं करते। 

अपनी जब मर्जी मैं उस काम को शुरू करते हैं और जब मन में उस काम को बंद कर देते हैं। तो भी हम उस काम में सफलता नहीं पा सकते। उसका में तरक्की नहीं पा सकते यह भी हमारी असफलता का बहुत बड़ा कारण है। 

हमारे आसपास जो बदलाव हो रहे हैं उन बदलावों को अनदेखा करके जीवन जीते रहना यही है असफलता। 

 जब हम किसी काम की शुरुआत करते हैं। और उस काम में अगर नए नए बदलाव हो रहे हैं। तो हम उन बदलावों को अनदेखा कर के पुराने ही तरीके से काम करने की कोशिश करते हैं। तो भी हम इस कार्य में सफल नहीं होंगे। 

क्योंकि बदलाव प्रकृति का नियम है। और यदि हम बदलाव के अनुसार अपने कार्य को करते रहेंगे। तभी हम उस कार्य में सफल होंगे। वरना हमें उस कार्य में असफलता ही मिलेगी। 

 अपने दिमाग में हमेशा असफलता का भ्रम पाल के रखना यही है असफलता।   किसी भी कार्य को करते समय हमेशा अपने दिमाग में उस कार्य की असफलता के बारे में सोचना ही  हमारी असफलता का बहुत बड़ा कारण है। 

क्योंकि जब हम किसी कार्य करते हैं। तो हमें हमेशा उस कार्य की सफलता के बारे में सोचना चाहिए ना की असफलता के बारे में सोचना चाहिए।

असफलता दूर कैसे होगी ( The success principles)

कार्य के प्रति समर्पण रहे। ( Education the key of success)  आप जो भी कार्य करते हैं। उसके प्रति पूरी तरह समर्पित होकर काम कीजिए। कभी भी अपने मन में यह मत सोचिए। कि यह कार्य मुझसे नहीं होगा। या मैं इस कार्य को नहीं कर पाऊंगा। पूरे कॉन्फिडेंस और समर्पित भाव से उस कार्य को कीजिए जरुर सफल होंगे। 

कोई भी कार्य  बिना किसी  दबाव के शुरू कीजिए जब किसी भी कार्य की शुरूआत करते हैं। तो उसे पूरे  मन से कीजिए। कभी भी किसी कार्य को दबाव में मत कीजिए। किसी के कहने पर किसी कार्य को शुरू मत कीजिए। जब आपका दिल और दिमाग पूरी तरीके से उस काम को करने को तैयार हो तभी आप उस काम को  शुरू  कीजिए। 

एक साथ कई कार्य की शुरुआत ना करें किसी कार्य में सफलता पाना चाहते हैं। तो सिर्फ और सिर्फ उसी कार्य पर फोकस करें। एक साथ बहुत सारे कामों की शुरुआत मत कीजिए। उससे आप सभी कामों को सही समय नहीं दे पाएंगे। और किसी भी कार्य सफलता हासिल नहीं कर पाएंगे। 

अगर आपको अपने काम में सफलता हासिल करनी है। तो एक समय पर एक ही काम कीजिए। और उस पर पूर्ण तरीके से फोकस कीजिए। 

कार्य को लगातार (consistently) कीजिए जब किसी कार्य को शुरू करते हैं। तो उसको सफलता मिलने तक लगातार कार्य कीजिए। ऐसा नहीं है कि आप 2 दिन या 4 दिन उस कार्य करें। तो फिर 3 दिन तक उसे  छोड़ दो। फिर 3 दिन के उस कार्य करना शुरू करें। ऐसे आपको सफलता नहीं मिल पाएगी। जब कंसिस्टेंट किसी काम को करते रहेंगे, लगातार किसी काम करेंगे, तभी आपको सफलता मिलेगी। 

अनुभव  ( Experience) लेते रहना ( study to success)  जब आप किसी कार्य को शुरू करते हैं। तो उस कार्य में सफल दूसरे व्यक्ति उस कार्य का अनुभव लेते रहिए। उससे आपको अपने कार्य में सफलता हासिल करने में मदद मिलेगी। 

क्योंकि शुरू में किसी व्यक्ति किसी काम का अनुभव नहीं होता। और ना ही कोई व्यक्ति किसी काम को पैदा होते ही सीख कर आता है। उसे यह गुण अपने आप में विकसित करना होता है। तो आप भी दूसरों से अनुभव लेते रहेंगे। तो आप मे यह गुण विकसित हो जाएगा। 


यदि किसी कार्य को करते समय हमेशा असफल होने के बारे में सोचेंगे। तो हमें वह सब कारण मिलेंगे वह सब तरीके मिलेंगे जिससे हम उस कार्य में असफल हो सकते है। इसलिए अपने दिमाग से असफलता को निकालकर हमेशा सफलता के बारे में सोचें। 

 अपनी सोच को विकसित ना करना कि असफलता।    किसी कार्य को जब हम करते हैं। उस कार्य के लिए अपनी सोच को विकसित ना करना यह भी  असफलता का बहुत बड़ा कारण है।

 जब हम किसी काम में अपनी सोच को बड़ा करके अलग-अलग तरीकों से सोचना शुरु करते हैं। उस काम में जो लोग हमारी मदद कर रहे हैं। उनके बारे में सही तरीके से सोचना शुरु करते हैं। 

हमेशा यही नहीं सोचते कि मैं इस काम को  अकेला करूंगा। अपनी सोच को बड़ा करके जब पूरी टीम के साथ किसी काम को करते हैं। तो निश्चित ही उसमें सफलता मिलती है। 

इसके लिए हमें किसी भी काम को शुरू करते समय अपनी सोच को विकसित करना पड़ेगा। अपने साथ काम करने वाले लोगों पर भरोसा करना पड़ेगा। 

 जीवन में तरक्की के रास्ते पर ना चलकर हमेशा दूसरों को तरक्की करते देखना यही असफलता।   

जीवन में तरक्की पाने के लिए कोई काम ना करके दूसरों की तरक्की  देखकर ही खुश होते रहना और यह सोचना यह मेरे बस का नहीं । है यह भी आपके सफलता का बहुत बड़ा कारण है। 

याद रखिए यदि किसी काम में एक व्यक्ति की सफल हुआ है। तो उस काम में सफल होने वाले दूसरे व्यक्ति आप भी हो सकते हैं। इसलिए सब दूसरों को सफलता पाते मत देखें। बल्कि अपनी सफलता के लिए भी कार्य करना शुरू करें। 

 सफलता की  सिर्फ इच्छा करना उसको पाने के लिए प्रयत्न ना करना यही है असफलता।   बहुत सारे लोग सफलता की इच्छा करते हैं। परंतु सफलता पाने के लिए कोई प्रयास नहीं करत। और  सफलता को पाने के लिए कोई कार्य नहीं करते। 

सिर्फ सोचते रहते हैं। कि उनहे सफलता मिलेगी लेकिन ऐसा कोई कार्य नहीं करते। जिससे  उन्हें उस कार्य में सफलता मिल सके। 

तो क्या लगता है। आपको सिर्फ सोचते रहने से सफलता मिलेगी। या सफलता की इच्छा करते रहना सफलता मिलेगी। जी नहीं सफलता के लिए कार्य करने से, सफलता के लिए मेहनत, करने से परिश्रम करने से सफलता मिलेगी। 


ऐसे कितने ही कारण है। जो मै आपको गिना हो सकता हूं। जो आपकी असफलता के लिए जिम्मेदार हैं। परंतु इनमें  एक भी ऐसा कारण नहीं है। जिसको आप दूर नहीं कर सकते और सफलता नहीं पा सकते। 

खुद पर भरोसा करो नकारात्मक लोगों से दूर रहो सो प्रतिशत सफलता आपकी ही होगी।


असफलता की परिभाषा (Asafaltha  kee paribhaasha

Definition of unsuccessful


एक बात आप समझ ले दुनिया में अगर कोई आपको सफल कर सकता है तो वो आप खुद है पूरी दुनिया में यदि आपको कोई असफल कर सकता हैं तो वो  भी आप खुद ही है। 

आपकी असफलता का जिम्मेदार कही  बाहर नहीं है। वह आपके अंदर ही छुपा है। जिसे आप देख नहीं पाते हैं। और पूरी दुनिया से शिकायत करने लगते हैं। कि यह लोग, यह सिस्टम, यह व्यापार, यह व्यवसाय, मेरी असफलता का जिम्मेदार है। 


 असफल लोग (asafal loag) 

Unsuccessful people


क्या लगता है आपको। ऐसा सोचना सही है। मैं कहता हूं जी नहीं। ऐसा सोचना बिल्कुल भी सही नहीं है। क्योंकि सफलता और असफलता आपकी सोच के ही दो पहलू हैं। 

सफलता और असफलता सिर्फ और सिर्फ आपकी सोच पर ही निर्भर है। इसके लिए कोई भी जिम्मेदार नहीं है। क्योंकि दुनिया आज ऐसी लोगोंं से भरी पड़ी है। जिसने अपने अपने क्षेत्र में सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। 

सफलता की शुरुआत हमेशा असफलता से ही होती है ( first 90 days, is important if any work)


 असफलता  के पर्यायवाची Unsuccessful synonyms. The law of success 

असफलता से सीख (asfaltha se seekh) कर हमें हमेशा सफलता के रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए। आप हर बार असफल नहीं होंगे। इसलिए असफलता से हारकर कोशिश करना कभी नहीं छोड़ना चाहिए।

असफलता से जो आपको ज्ञान और अनुभव मिलता है। उसका जिंदगी में इस्तेमाल करके सफलता के रास्ते पर अपने आप को ले जाना चाहिए। 

 असफलता दिखाती है नई राह ( Asafaltha  dekhati hai nayi rah) क्या लगता है आपको। जितने भी लोग इस दुनिया में सफल हुए हैं।  क्या वह कभी असफल नहीं हुए। 

जी हां वह भी असफल हुए हैं पर उन लोगों को मालूम था  की सफलता का रास्ता असफलता से होकर ही जाता है। 

क्या कभी उन्होंने अपने जीवन में असफलता का मुंह नहीं देखा। उन्होंने भी अपने जीवन में कई बार असफलता का मुंह देखा। कई बार उनको भी हार का सामना करना पड़ा। कई बार उनकी हिम्मत को जवब दे दिया। 

परंतु फिर भी उन्होंने अपनी ताकत अपने साहस को दोबारा इकट्ठा करके फिर से उस कार्य करने कोशिश की। और जब तक इस कार्य में सफल नहीं हुए तब तक उस कार्य को अलग-अलग तरीकों से करते ही रहे। और आखरी में कार्य पर विजय पाई। 

असफलता ही सफलता की पहली सीढ़ी होती है। जब आप किसी कार्य को शुरू करते हैं। आपको उस कार्य के बारे में बिल्कुल भी पता नहीं होता। जब आप उस कार्य में असफल हो जाते हैं। 

फिर जब दोबारा उस कार्य करना शुरू करते हैं। तब आप उस कार्य के लिए नए नहीं होते। आपके पास उस कार्य को करने का अनुभव होता है। उसी अनुभव के सहारे आप आगे बढ़ते है। और अंत में उस कार्य में सफल हो जाते हैं। 

इस बात को दुनिया में बहुत ही कम लोग जानते और समझते हैं। लेकिन जो लोग भी इस बात को जानते और समझते हैं। वह अपनी जिंदगी में सफलता के नए आयाम स्थापित करते हैं। और जो इन बातों की नहीं समझ पाते वह अपनी जिंदगी में हमेशा असफल रहते हैं। 

 आप तभी असफल हो सकते हैं जब आप यह मान लें कि आप सफल नहीं हो सकते


 असफलता से प्राप्त अनुभव Asfaltha  se prapth anubhav) असफलता कोई बुरी बात नहीं है। परंतु असफलता के बाद डर कर बैठ जाना हार मान जाना यह बहुत बुरी बात है।

 बड़े-बड़े विद्वानों ने कहा है। “ कि मन के हारे हार है और मन के जीते जीत ” यदि आप मन से हार गए तो आप हार जाएंगे।  यदि आप मन से जीत गए तो आप जीवन में कभी भी असफल नहीं होंगे। 

तो इस सफलता और असफलता के चक्र से अपने आप को बाहर निकालिए। ध्यान लगाकर सोचिए की यह सफलता  और असफलता किस पर निर्भर है। आपकी किन बातों पर आपके किन कामों पर निर्भर है। आप ऐसा कौन सा काम जीवन में कर रहे हैं। जो आप को  असफल बनाता जा रहा है। 

जब एक तरीका आपको किसी कार्य में असफल कर रहा है। और आपको लगता है कि आप इस कार्य में असफल हो गए हैं। तो कार्य को मत बदलिए। आपको बल्कि उस कार्य को अलग तरीके से कीजिए।

 क्योंकि दुनिया में जितने भी सफल हुए हैं। उन लोगों ने  बार-बार अलग-अलग कार्य को नहीं किया।  बल्कि एक ही कार्य को अलग-अलग तरीकों से किया है। और किसी ने किसी तरीके से वह इस कार्य में सफल हो गए हैं। 

इसलिए मैं कहता हूं। कि जब तक आप सफल ना हो जाए। हिम्मत जुटाकर कार्य के तरीकों को बदलते रहिए। तरीके बदलने से आप किसी कार्य में सफल होंगे। ना कि बार-बार कार्य बदलने जा किसी कार्य में सफल होंगे। 

 हर सफलता के पीछे होती है असफलता ( Har safaltha ke piche hoti hai asfaltha) यह आपको सोचना पड़ेगा। इस पर आपको गंभीर विचार करना पड़ेगा। तभी आप इस असफलता के दौर से निकल कर खुद को सफलता की तरफ लेकर जाएंगे।

 जीवन में यदि आपको सफल होना है। तो असफलता के दौर में भी आपको शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होना पड़ेगा। अपने आप को इतना मजबूत करना पड़ेगा। 

 अगर छोटी या बड़ी असफलता भी आपकी जीवन में आई। तो आप उससे हार नहीं मानेंगे। और जी जान से सफल होने के लिए मेहनत करते रहेंगे। 

सफल कहानियां बहुत अच्छी होती है।  परंतु असफल कहानियां भी अच्छी होती हैं

असफलता  के चक्र से खुद को बाहर कैसे निकाले


 असफलता का सामना कैसे करें ( Asfaltha ka sammna kaise kare) असफलता के चक्र से अपने आप को निकालने के लिए सबसे पहला काम आपको जो करना पड़ेगा वह यह है। कि अपने आप को हर एक परिस्थिति के लिए तैयार रखना पड़ेगा। वह हर काम करना पड़ेगा जो आपको सफलता की तरफ लेकर जाएगा। चाहे वह काम आपको अच्छा लगे या ना लगे।

  असफलता को एक चुनौती की तरह लेना पड़ेगा। और उसी के हिसाब से जीवन में प्रयास  पड़ेंगे  हिसाब से अपनी योजनाएं बनानी पड़ेगी।

 सिर्फ सोचने मात्र से यह बदलाव नहीं होगा। इसके लिए आपको भरपूर साहस के साथ बहुत अधिक और मजबूत प्रयत्न करने पड़ेंगे। तभी आप असफलता के इस कुचक्र से बाहर निकलेंगे।

Success thoughts

हरिवंश राय बच्चन जी ने उस पर एक बहुत अच्छी कविता लिखी है की लहरों से डरकर कभी नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

 अपनी आत्मशक्ति को यह मत बताओ। कि तुम्हारी परेशानी कितनी बड़ी है। बल्कि अपनी परेशानी को यह बताओ कि तुम्हारी आत्मशक्ति कितनी बड़ी है। 


   असफलता से निराश ना हो (Asfaltha se neerash na ho) अगर आपके प्रयास सही दिशा में हैं। आप सही रास्ते की तरफ बढ़ रहे हैं। तो आप को ज्यादा समय तक असफलता का सामना नहीं करना पड़ेगा। थोड़ी बहुत असफलता आएगी परंतु वह आपका रास्ता नहीं रोक सकेगी।

 जैसे एक छोटा बच्चा जब वह चलने की कोशिश करता है। तो वह कई बार गिरता है। परंतु एक बार भी उस बच्चे के दिमाग में यह नहीं आता कि वह चल नहीं पाएगा। वह हजारों बार गिरता करता है और फिर एक बार उसका प्रयत्न  सफल होता है। और वह चलने लगता है। 

असफलता से घबराए नहीं सीख ले (Asafaltha se ghbraye nahi seeikh le) आपको भी उस बच्चे की तरह ही दृढ़ मानसिकता के साथ काम करना पड़ेगा। दो-चार असफलताओं से हमको पीछे नहीं हटना है। 

हमको लगातार प्रयत्न करते रहना है जिस तरह छोटा बच्चा लगातार प्रयत्न करते रहने से चलने में सफल हो जाता है। उस तरह हम भी अपने प्रयासों में सफल होंगे। और सफलता पाएंगे। 

 असफलता से शर्मिंदा है तो असफलता से सफलता की ओर गए लोगों की कहानियां पढ़ें

सफलता और असफलता में सिर्फ एक अक्षर का अंतर है  (Safsltha Or aasafaltha me sirf eak akshar ka anter hai) क्योंकि सफलता और असफलता का चक्र सिर्फ और सिर्फ आपकी मानसिकता पर निर्भर है। 

जैसी आपकी मानसिकता है। वैसी  ही  जीवन में आपके साथ परिस्थितियां आएंगी। इसलिए हमें परिस्थितियों से हार नहीं मानना है।

 हमको छोटे बच्चे की तरह दृढ़ निश्चय करके चलते रहना है। कोशिश करते रहना है। जैसे उस बच्चे का लक्ष्य एकदम साफ है कि उसे चलना है। वैसे ही हमारा भी लक्ष्य एकदम साफ होना चाहिए कि मुझे हर हाल में सफल होना है। तभी आप जीवन में सफल हो पाएंगे और असफलता से छुटकारा पा पाएंगे। 

क्यों सबसे अच्छी सफलता की कहानियां अक्सर विफलता के साथ शुरू होती हैं

सफल और असफल लोग मैं आपको हजारों उदाहरण दे सकता हू। कि लोगों ने बहुत तकलीफ और शारीरिक विकलांगता के बावजूद सफलता के नए आयाम स्थापित किए। 

शुरुआती असफलता से वह लोग घबराए नहीं बल्कि उन्होंने उस असफलता को एक चैलेंज की तरह लिया। और अपनी शारीरिक दुर्बलता होने के बावजूद भी अपने लक्ष्यों को पूरा किया। 

यदि वह चाहते तो अपनी शारीरिक दुर्बलता को दिमाग में बैठा कर उसी हिसाब से सोचते। तब शायद वह अपनी जिंदगी में कभी भी सफल नहीं हो पाते। हमेशा असफल रहते। हमेशा तकलीफों में रहते। और हमेशा भगवान को अपनी कमियों के लिए दोष देते। कि उन्होंने उनको शारीरिक रूप से कमजोर क्यों बनाया। 

परंतु उन लोगों ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने अपने आप को दूसरे लोगों से किसी भी तरह से कमजोर नहीं समझा। अपनी पूरी लगन और मेहनत और दृढ़ विश्वास के साथ आगे बढ़े। और जीवन में सफलता पाई। 

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यदि जीवन में असफलता के चक्र से बाहर निकलना है। तो एक मजबूत मानसिकता दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ना पड़ेगा।  परंतु कई लोग इन बातों को सुनते तो हैं। पर उनको इन बातों पर भरोसा नहीं होता।

वे सोचते हैं यह सब बातें सुनने में ही अच्छी लगती है। उनका जीवन में कोई महत्व नहीं है। वही लोग जीवन में असफल भी होते हैं। वह लोग अपनी नकारात्मक सोच के कारण इन बातों पर भरोसा नहीं करते वह सोचते हैं। 

वे सोचते हैं की इन बातो से कुछ भी बदलाव नहीं होता।  यह बातें सिर्फ सुनने में अच्छी लगती है। इन बातों से कुछ भी हासिल नहीं होता। इसीलिए उन लोगों की जिंदगी में कभी बदलाव नहीं होता। और वह पूरी जिंदगी असफलता में जीते रहते हैं। 

इसलिए जीवन में असफलताओं से डरे नहीं, असफलता के आगे  झुके नहीं, और असफलताओं से टूटे नहीं, जीवन में संघर्ष से कभी घबराए नहीं, 

हमेशा सफलता की तरफ आगे बढ़ते रहें। जिनके हर तकलीफ हो हर मुश्किलों का सामना करते रहे उन से लड़कर एक योद्धा की तरह बाहर निकले और जीत पाए। 

समाज में लोगों के लिए एक नया उदाहरण पेश करें। अपने लिए कामयाबी के नए आयाम स्थापित करें। और यह सब तभी होगा जब आप अपने दिमाग में से असफलता नाम के शब्द को निकाल देंगे नामुमकिन नाम के शब्द को निकाल देंगे। तभी आप हमेशा जीवन में सफल हो पाएंगे। 

तो यह थे असफलता से सफलता पाने के अचूक उपाय, सफलता पाने के घर में क्या करना चाहिए, कामयाब होने के लिए क्या करना पड़ता है, सफलता पाने के लिए हमें क्या काम करने चाहिए,

 जल्दी सफलता कैसे मिलती है, जीवन में सफलता का सूत्र क्या है, व्यापार नौकरी में सफलता के उपाय क्या है, और जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए क्या आवश्यक है, सफलता प्राप्ति के क्या नियम है, इस कदम से आपको जीवन में मिलेगी सफलता, 

जीवन में सफलता कैसे पाएं, और ना कामयाबी से कामयाबी की ओर सफलता की राह,   असफलता से सफलता कैसे प्राप्त करें, असफलता ही इंसान को सफलता का मार्ग दिखाती है, सफलता क्या है, सफलता क्या है और किसे कहते हैं, सफलता का परिभाषा और अर्थ क्या है, सफलता का अर्थ क्या है, सफलता की कुंजी क्या है, सफलता का विश्लेषण क्या है, क्या है सफलता का राज, सफलता का विलोम क्या है, सफलता क्या है हिंदी मे। 

 इन सब बातों का मतलब एक ही है सफलता में कैसे पाएं। 

आज के लिए बस इतना ही। आपको  यह आर्टिकल कैसा लगा मुझे कमेंट कर सकते हैं। और यदि सोचते हैं कि आपके नजदीकी लोगों की जिंदगी में भी इन सब बातों से बदलाव हो सकता है। तो आप यह आर्टिकल उनको शेयर कर सकते हैं। 

               🙏नमस्कार 🙏

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