कैसा होना चाहिए जीवन के प्रति आपका का नजरिया
नमस्कार दोस्तों👭👬👫
मैं मनोज कुमार से एक बार फिर से हाजिर हुआ हूं। एक नए विषय के साथ दोस्तों आज का शीर्षक है। " जीवन के प्रति आपका नजरिया" (Jevan ke parti app ka najariya)
नजरिया कैसा होता है। (najariya kaisa hota he)दुनिया में दो तरह के इंसान होते हैं। एक सकारात्मक और एक नकारात्मक दोनों का जीवन को देखने का नजरिया अलग होता है।
सकारात्मक नजरिया व्यक्ति जीवन में जोश से भरा होता है। हर बात को अच्छे तरीकों से देखता है। हर बात में उसको संभावनाएं दिखती हैं हर जगह उसको तरक्की के रास्ते दिखते हैं।
नकारात्मक नजरिया उसे हर जगह गलत ही गलत दिखाई देता है। उसे हर जगह परेशानी मुश्किल ही दिखाई देती है। वह हर चीजों में कमी ढूंढता है। वह हमेशा असफलता के रास्ते ढूंढता है।
नजरिया (Najariya) सबसे महत्वाकांक्षीपूर्ण लफ़्ज है। यह जीवन के हर पहलू पर असर करता है, यहाँ तक कि आदमी की निजी और व्यावसायिक ज़िंदगी पर भी।
कोई भी आदमी अच्छे नज़रिए के बिना अच्छा अफ़सर तो बन सकता है? परंतु कोई भी छात्र अच्छे नज़रिए के बिना अच्छा छात्र नहीं बन सकता है?
आज हमने देखा कि हमारा नजरिया हमारे जीवन पर कितना बड़ा प्रभाव डालता है। हम सकारात्मक और नकारात्मक नजरिए पर विस्तार से बात करेंगे।
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जिंदगी के प्रति सकारात्मक नजरिया (jeendgi ke prati sakaraatmak najariya)
हमारा लोगों के साथ नजरिया कैसा होना चाहिए (Hamara logo ke sath najariya kaisa hona chahiye) आपका नजरिया अगर सभी चीजों को देखने का सकारात्मक है। तो आप हर चीजों में संभावनाएं तलाश लेंगे। हर परेशानी का हल ढूंढ लेगे। हर मुसीबत से लड़ने का रास्ता ढूंढ लेंगे।
खुशहाल जीवन के लिए जीवन के प्रति आपका नजरिया (kushhal jeevan ke liye jeevan kee prati aap ka najariya) यदि आपका नजरिया जीवन के प्रति साकारात्मक है। तो आप हर मुश्किल का हल ढूंढ लेंगे। और अपने जीवन की सभी कठिनाइयों पर जीत पाकर तारकी के रास्ते पर चलने लगेंगे।
अपना व्यक्तित्व विकास कैसे करे (appna vaktitva vikas kaise kare) सकारात्मक सोच लाने के लिए सबसे पहले हमें अपने व्यक्तित्व का विकास करना पड़ेगा।
हमें अपने आप को इतना खुली सोच वाला इंसान बनाना पड़ेगा। ताकि किसी भी छोटी मोटी बातों का हम पर असर ना हो सके। छोटी मोटी कठिनाइयां हमारे मनोबल को ना तोड़ सके।
क्योंकि जब हम अपने व्यक्तित्व का विकास कर लेंगे। तब हम किसी भी कठिनाई से घबराने की बजाय उसका हल निकालने की कोशिश करेंगे। जब हम कठिनाइयों का हल निकालने की कोशिश करेंगे तो रास्ते अपने आप बनेंगे। और यह सब आपकी सकारात्मक सोच के कारण ही होगा।
यदि कर आपकी सोच नकारात्मक है। तो आप कभी भी कठिनाइयों का हल नहीं ढूंढगे। बल्कि उन कठिनाइयों से हमेशा परेशान होते रहेंगे।
मैं यह समझता हूं की मजबूत व्यक्तित्व हमेशा ही तरक्की के रास्ते में बहुत बड़ा सहारा बनता है। आपका मजबूत व्यक्तित्व आपको जिंदगी में हर सफलता पाने के लिए प्रेरित करता है। और आपके लिए तरक्की के बहुत सारे रास्ते खोल देता है।
इसलिए बहुत मज़बूत बनिए कि आपके मन की शांति को कोई नुकसान न कर सके। हर मिलने वाले आदमी से सेहत, ख़ुशी और समृद्धि के बारे में बात करें।
हर चीज़ों के केवल उजले पहलू को देखे। केवल अच्छी से अच्छी बातें सोचें, केवल अच्छे से अच्छे नतीजों के लिए काम करें और केवल अच्छे से अच्छे नतीजों की उम्मीद करें।
आपकी सकारात्मक सोच आपका सकारात्मक दृष्टिकोण आपकी जिंदगी में आई हुई हर असफलता को भुलाने में मदद करता है। सकारात्मक सोच असफलता को एक अनुभव की तरह लेती है। और उन अनुभवों से सीख कर जिंदगी में आगे पढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
और हम जब अपने इस अनुभव के सहारे जिंदगी में आगे बढ़ते हैं। तो सफलता और कामयाबी जरूर हमें मिलती है। इसलिए किसी भी काम को सकारात्मक सोच के साथ कीजिए।
क्योंकि यदि उस काम में आपको सफलता मिलेगी। लेकिन अगर उस काम में आपको असफलता मिलती है। तो एक बेहतरीन अनुभव मिलेगा।
फिर जब आप उस काम को करेंगे। तो शून्य से नहीं बल्कि एक अनुभव के साथ करेंगे। और तब उस काम में आपकी सफलता के मौके बढ़ जाएंगे।
कभी-कभी किसी व्यक्ति की तरक्की देखकर हम कहते हैं। कि यह इंसान कई बार असफलता पाने के बाद हारने के बाद भी आज सफल हो गया। वह सिर्फ इसीलिए सफल हुआ। क्योंकि उसकी सोच सकारात्मक थी। वह हर बार असफल होने के बाद यह नहीं सोचता था। कि मैं इस काम को नहीं कर पाऊंगा।
बल्कि वह हर बार असफल होने के बाद यह सोचता था । कि मुझे इसमें एक और अच्छा अनुभव मिला। अब मैं इस काम को और अच्छे तरीके से कर पाऊंगा। और वह सफल हो गया।
इसलिए मैं यह कहता हूं। बीते दिनों की ग़लतियों को भूल जाना और आने वाले दिनों में ज़्यादा बड़ी सफलता हासिल करने के लिए आगे बढ़ें। अपने आपको बेहतर बनाने में वक़्त लगाया।
क्योंकि जब आप सकारात्मक सोच पर कोई काम करेंगे। तो आपके आस-पास के लोग भी उस काम को करने में आपकी मदद करेंगे, जब तक आपकी राह आसान नहीं होगी। कामयाबी की नींव तो हमारा नजरिया ही है। इस पर मैं आपको एक कहानी बताता हूं।
अच्छे नजरिए, व्यवहार से बनती है अलग पहचान ( achche najariye, vyavhaar se banti he alag pahchan)
आपके अच्छे नजरिए और अच्छे व्यवहार से ही आपके अलग पहचान बनती है। जब आपका व्यवहार और नजरिया लोगों के प्रति अच्छा होगा। आपकी सोच अच्छी होगी। तो लोगों का भी नजरिया आपके प्रति अलग होने लगेगा।
वह आपके बारे में सोचेंगे आपके साथ काम करने के बारे में सोचेंगे। आपके अच्छाइयों के बारे में सोचेंगे। और यदि हमारा व्यवहार और नजरिया लोगों के प्रति अच्छा नहीं होगा। तो कुछ समय के लिए तो हमें सफलता मिल सकती है। लेकिन उस सफलता तो हम लंबे समय तक अपने पास नहीं रख पाएंगे।
यदि आपको सफलता को अपनी कामयाबी को लंबे समय तक अपने पास रखना है। तो तो आपको अपना नजरिया और व्यवहार लोगों के प्रति अच्छा रखना पड़ेगा। तभी आप अपनी कामयाबी को अपने पास रख पाएंगे। क्योंकि जब लोग आपके बारे में सकारात्मक सोचना शुरु करेंगे। उसी समय से आपकी तरक्की के रास्ते खुलने शुरू हो जाएंगे।
तो अपनी सोच अपने व्यवहार और अपने नजरिए में बदलाव लाइए। यही बदलाव आपको जिंदगी की तरक्की और कामयाबी पर लेकर जाएगा।
कहानी
हम सभी बाइबिल में बताई गई डेविड और गोलियथ की कहानी जानते हैं। गोलियथ एक राक्षस था। उसने हर आदमी के दिल में अपनी दहशत बैठा रखी थी।
एक दिन 17 साल का एक भेड़ चराने वाला लड़का अपने भाईयों से मिलने के लिए आया उसने देखा पूरा गांव उस राक्षस से बहुत डरता है। तो उसने उनसे पूछा, "आप लोग इस राक्षस से लड़ते क्यों नहीं?"
उसके भाई गोलियथ जो से डरते थे। उन्होंने जवाब दिया, "तुमने क्या देखा नही कि वह कितना बड़ा है और उसे मारा नहीं जा सकता?"
इस पर डेविड ने कहा, "बात यह गलत है कि बड़ा होने की वजह से उसे मारा नहीं जा सकता, बल्कि हक़ीकत यह है कि वह इतना बड़ा है कि उस पर लगाया गया लक्ष्य कभी गलत हो ही नहीं सकता।"
उसके बाद जो हुआ, वह सबको मालूम है। डेविड ने उस राक्षस को गुलेल से मार डाला। राक्षस वही था, लेकिन उसके बारे में डेविड का नज़रिया अलग था। अपने सकारात्मक नजरिया के कारण राक्षस को मार पाया।
नकारात्मक नजरिया से नुकसान (nakaratmak najariya se nuksaan)
अपने नकारात्मक नजरिए से सिर्फ और सिर्फ हम अपना ही नुकसान करते हैं। हम यह सोचते हैं कि हमारी सोच और हमारा डर सही है। परंतु यह दोनों गलत है। और जब हम अपनी सोच और अपने डर समाज में लोगों को बताते हैं। तो उन लोगों के मन में हमारे प्रति एक नकारात्मक छवि बन जाती है।
तब वह लोग किसी भी ऐसी अच्छी बात को हमारे सामने नहीं करते। क्योंकि वह सोचते हैं कि हम हर बातों में केवल नकारात्मकता ही ढूंढ लेंगे। और समाज में लोग हमसे दूर भागने लगते हैं। वैसे किसी भी कार्य में हमें शामिल नहीं करते। जिस काम में असफलता भी हो सकती है।
क्योंकि वह जानते हैं कि हम उस काम में सिर्फ और सिर्फ असफलता ही ढूंढगे। और उस काम के सिर्फ और सिर्फ तकलीफ ही ढूंढगे। और अपने डर के कारण उस काम को ना खुद करेंगे ना किसी को करने देंगे।
ऐसे बहुत सारे लोग मिल जाएंगे। जिसकी सोच नकारात्मक होती है। वह हर चीजों के अंदर कमियां ढूंढते हैं। गलतियां निकाल ही लेते हैं। चाहे कितना अच्छा काम हुआ हो। पर वह उसके अंदर कमी ढूंढ ही लेते हैं। और कमी निकाल कर वह बहुत खुश होते हैं। और सोचते हैं कि वह बहुत समझदार है इसलिए वह नुकसान से बच गए।
यह नकारात्मक लोगों की सबसे बड़ी कमी होती है। कि वह अपने आप को बहुत समझदार सोचते हैं। वह सोचते हैं। कि उन्हें हर काम की बुराइयों का पता है। जिससे उस काम में सफलता नहीं मिल सकती।
क्योंकि वह खुश रहना भूल गए हैं। वह हमेशा उदासी और तब तक को ढूंढते रहते हैं।
"एक बार एक कैदी जेल से आजाद हुआ लेकिन बाहर निकल कर जब लोगों के बीच पहुंच गया तो उसको घबराहट होने लगी उसको कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था उसको वहीं जेल की कालकोठरी और बेड़ियां समान में आराम और सुकून मिलता था"
क्योंकि उसने अपनी सोच को नकारात्मक कर लिया था। जिन चीजों से एक आम इंसान को तकलीफ होती है। नकारात्मक लोगों को उन चीजों में मजा आता है। दूसरों की कमियां निकालने में सुकून मिलता है
ऐसे लोगों का जीवन का कोई लक्ष्य नहीं होता है। आइए नकारात्मक लोगों के ऊपर मैं आपको एक कहानी सुनाता हूं।
कहानी
एक बार एक शिकारी एक अद्भुत कुत्ता लाया। वह कुत्ता पानी पर चल सकता था।
शिकारी वह कुत्ता अपने दोस्तों को दिखाना चाहता था। उसे इस बात की बड़ी खुशी थी कि वह अपने दोस्तों को यह काबिले-ग़ौर चीज़ दिखाने लगा।
उसने अपने एक दोस्त को बत्तख का शिकार देखने के लिए बुलाया। कुछ देर में उन्होंने कई बत्तखों को बंदूक से मार गिराया। उसके बाद उस आदमी ने कुत्ते को उन चिड़ियों को लाने का हुक्म दिया। कु्त्ता चिड़ियों को लाने के लिए दौड़ पड़ा।
उस आदमी को उम्मीद थी कि उसका दोस्त कुत्ते के बारे में कुछ कहेगा, या उसकी तारीफ़ करेगा; लेकिन उसका दोस्त कुछ नहीं बोला।
घर लौटते समय उसने अपने दोस्त से पूछा कि क्या उसने कुत्ते में कोई ख़ास बात देखी। दोस्त ने जवाब दिया, “हाँ, मैंने उसमें एक ख़ास बात देखी। तुम्हारा कुत्ता तैर नहीं सकता।”
नकारात्मक इंसान के पास जब तकलीफ से नहीं होती तो वह दुखी हो जाता है। वह हमेशा सहूलियतओं को छोड़कर कमियों को गिरने लगता है।
हमारा नजरिया ही हमारे संसार का निर्माण करता है, (hammara najariya he hammre sansad ka nirman karta hai)
हमारा नजरिया ही हमारे लिए संसार का निर्माण करता है। यदि हमारा नजरिया सकारात्मक है। तो हम अपने लिए अच्छे संसार का निर्माण करते हैं। इसमें अपने लिए खुशहाली के रास्ते बनाते हैं। अच्छे लोगों के साथ व्यवहार बनाते हैं। अच्छे लोगों के साथ काम करते हैं।
यदि कुछ छोटी मोटी दुर्घटना या असफलता आ जाए। तो उस से घबराते नहीं बल्कि अपने लिए नए रास्ते बनाते रहते हैं। और उन रास्तों पर चलकर अपने लिए अच्चे संसार का निर्माण करते हैं।
और यदि हमारा नजरिया नकारात्मक है। तो हम अपने लिए एक बुरे संसार का निर्माण करते हैं। जिसमें हमेशा दुख तकलीफ हमेशा परेशानी और हमेशा समस्या ही रहती हैं। और उन समस्याओं की वजह उन समस्याओं से जीवन मे हमेशा परेशान रहते हैं। और अपनी जिंदगी अपने संसार को नरक से भी बेकार बना लेते हैं।
किसी ने सही कहा है की धरती पर ही स्वर्ग और नरक है। यदि आपकी सोच सकारात्मक है तो यह धरती आपके लिए स्वर्ग है। और यदि आपकी सोच नकारात्मक है तो यह धरती आपके लिए नर्क है।
इसलिए अच्छी सोच से सकारात्मक सोच से अपने लिए अच्चे संसार का निर्माण कीजिए। और अपना और अपने परिवार का जीवन बेहतरीन बनाइए।
तो देखा आपने कि हमारे जीवन में हमारे सकारात्मक और नकारात्मक रवैया का क्या असर पड़ता है। मैं हमेशा यही कहूंगा कि किसी भी काम को सकारात्मक सोच के साथ कीजिए।
सारांश
जीवन के प्रति नजरिया बदलें ( jeevan ke prati najariya badlen)अगर आप नकारात्मक सोच के साथ चलेंगे तो यह पक्का है। कि आप असफल हो जाएंगे परंतु यदि आप सकारात्मक सोच के साथ चलेंगे। तो आपके सफल होने के मौके बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं।
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1 टिप्पणियाँ
very good atticle
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